कुछ दिल के एहसास... कुछ अपने अल्फ़ाज़...
जो गुज़रे साल की आखरी रात हुआ... वो इस साल न हो.... बड़ी मुश्किल से तो इकरार हुआ....बस अब कभी इनकार न हो.... दुआ करता हूँ कि मेरी बात में ही उनकी बात.... कुछ ऐसा ही यह नया साल हो....
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