कुछ दिल के एहसास... कुछ अपने अल्फ़ाज़...
बैठे हैं चौराहे पे सनम की राह देखते हुए.... बरसों बीत गये उनके इंतज़ार में.......
न वो आया न उनका पैग़ाम आया..... करते हुए इंतज़ार, इन आखों में बड़ा सैलाब आया.....
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